Baheda Powder: (बहेड़ा)
Health Benefits of Baheda Powder, Juice: Diabetes, Antioxidant, Asthma,Digestion, Increase body energy, skin related problems
Baheda is helps to maintain healthy functioning of digestive system,It supports healthy cholesterol levels, It helps to maintain healthy blood glucose level.
क्या आप जानते हैं कि बहेड़ा (Baheda) क्या है या बहेड़ा का उपयोग किस चीज में किया जाता है? अगर आप नहीं जानते हैं तो यह जान लीजिए कि बहेड़ा (Bibhitaki) का तेल बालों को काला करने के लिए उपयोगी माना जाता है। आग से जलने के कारण हुए घाव पर भी बहेड़ा का तेल लाभकारी है। बहेड़ा (terminalia bellerica) वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को दूर करता है, लेकिन इसका मुख्य प्रयोग कफ-प्रधान विकारों में होता है। यह आँखों के लिए हितकारी, बालों के लिए पोषक होता है। इतना ही नहीं बहेड़ा असमय बाल पकने, गला बैठने, नाक सम्बन्धी रोग, रक्त विकार, कंठ रोग (लैरियेंगोट्राकियोब्रॉन्काइटिस) तथा हृदय रोगों में फायदेमंद होता है। बहेड़ा कीड़ों को मारने वाली औषधि है। बहेड़े के फल की मींगी मोतियाबिन्द को दूर करती है। इसकी छाल खून की कमी, पीलिया और सफेद कुष्ठ में लाभदायक है। इसके बीज कड़वे, नशा लाने वाले, अत्यधिक प्यास, उल्टी, तथा दमा रोग का नाश करने वाले हैं।
बहेड़ा के फायदे - Baheda Ke Fayde in Hindi
1. आँखों के रोग में बहेड़ा के इस्तेमाल से लाभ
बहेड़ा और शक्कर के बराबर मात्रा में मिश्रण का सेवन आँखों की ज्योति को बढ़ाता है। बहेडे की मींगी के चूर्ण को मधु के साथ मिलाकर काजल की तरह लगाने से आँख के दर्द तथा सूजन आदि में लाभ होता है। इसके बीज के मज्जा के चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर महीन पेस्ट बना लें। इसे रोज सुबह काजल की तरह लगाने से आँख का रोग नष्ट होता है।
2. बहेड़ा के प्रयोग से बालों की बीमारी का इलाज
बहेड़ा फल की मींगी का तेल बालों के लिए अत्यन्त पौष्टिक है। इससे बाल स्वस्थ हो जाते हैं।
3. ज्यादा लार बहने की समस्या में करें बहेड़ा का उपयोग
1½ ग्राम बहेड़ा में समान मात्रा में शक्कर मिला लें। इसे कुछ दिन तक खाने से अधिक लार बहने की परेशानी ठीक होती है।
4. दमा में फायदेमंद बहेड़ा का इस्तेमाल
बहेड़ के फल की छाल के चूर्ण (10 ग्राम) में अधिक मात्रा में मधु मिला लें। इसे चाटने से दमा की गंभीर बीमारी तथा हिचकी में भी शीघ्र लाभ होता है।,
बहेड़ा और हरड़ की छाल को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इसे 4 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से दमा और खांसी में लाभ होता है।, बहेड़ा (belleric myrobalan) के बीज रहित फल के 3 से 6 ग्राम छिलके (जिन्हें पुटपाक करके निकाला है) को मुंह में रखकर चूसने से खांसी एवं दमा रोग में लाभ होता है।
5. गुर्दे की पथरी में करें बहेड़ा का उपयोग
बहेड़ा के फल के मज्जा के 3-4 ग्राम चूर्ण में मधु मिला लें। इसे सुबह-शाम चाटने से गुर्दे की पथरी की बीमारी में लाभ होता है।
6. खाँसी में बहेड़ा से लाभ
बकरी के दूध में अडूसा, काला नमक और बहेड़ा डालकर पकाकर खाने से हर प्रकार की खांसी में लाभ होता है।,बहेड़ा के 10 ग्राम चूर्ण (Baheda churna) में शहद मिला लें। इसे सुबह और शाम भोजन के बाद चाटने से सूखी खाँसी तथा पुराने दमा रोग में बहुत लाभ होता है।,बहेड़ा के एक फल को घी में डुबाकर, घास से लपेटें। इसे गाय के गोबर में बंद करके आग में पका लें। इसे बीजरहित कर मुंह में रख कर चूसें। इससे खांसी, जुकाम, दमा तथा गला बैठने जैसे रोगों का नाश होता है।,बहेड़ा फल में घी चुपड़ लें। इसके ऊपर आटे का एक अंगुल मोटा लेप लगाकर पका लें। त्वचा के ताप के बराबर ठंडा होने पर इसके ऊपर का आटा निकाल लें। इसके बाद बहेड़ा के छिलके को चूसें। इससे खांसी, जुकाम, दमा तथा गला बैठने की समस्या में लाभ होता है।
7. हृदय रोग में लाभ
बहेड़ा के फल के चूर्ण तथा अश्वगंधा चूर्ण को समान मात्रा में मिला लें। इसे 5 ग्राम की मात्रा में लेकर गुड़ मिलाकर गर्म पानी के साथ सेवन करने से हृदय रोग में लाभ होता है।
8. दस्त को रोकता है बहेड़ा
बहेड़ा फल के 3-6 ग्राम चूर्ण (Baheda churna) को खाने के बाद सेवन करने से पाचनशक्ति ठीक होती है।,बहेड़ा के पेड़ (baheda tree) की 2-5 ग्राम छाल और 1-2 नग लौंग को पीसकर 1 चम्मच शहद में मिला लें। इसे दिन में 3-4 बार चटाने से दस्त में लाभ होता है।,बहेड़ा के 2-3 भुने हुए फल का सेवन करने से दस्त की गंभीर बीमारी भी ठीक हो जाती है।
9. दस्त को रोकता है बहेड़ा
बहेड़ा फल के 3-6 ग्राम चूर्ण (Baheda churna) को खाने के बाद सेवन करने से पाचनशक्ति ठीक होती है।,बहेड़ा के पेड़ (baheda tree) की 2-5 ग्राम छाल और 1-2 नग लौंग को पीसकर 1 चम्मच शहद में मिला लें। इसे दिन में 3-4 बार चटाने से दस्त में लाभ होता है।,बहेड़ा के 2-3 भुने हुए फल का सेवन करने से दस्त की गंभीर बीमारी भी ठीक हो जाती है।
10. पेशाब में जलन की बीमारी में बहेड़ा से लाभ
बहेड़ा (vibhitaki) के फल के मज्जा के 3-4 ग्राम चूर्ण में मधु मिला लें। इसे सुबह-शाम चाटने से पेशाब में जलन की समस्या में लाभ होता है।
11. बहेड़ा से नपुंसकता का उपचार
3 ग्राम बहेड़ा के चूर्ण में 6 ग्राम गुड़ मिला लें। इसे रोज सुबह-शाम सेवन करने से नपुंसकता मिटती है और काम भावना बढ़ती है।
12. त्वचा रोग में बहेड़ा से लाभ
बहेड़ा (vibhitaki) फल की मींगी का तेल खाज, खुजली आदि त्वचा रोग में लाभकारी है तथा जलन कम करने वाला है। इसकी मालिश से खुजली और जलन की परेशानी ठीक हो जाती है।
13. श्वास रोग में फायदेमंद बहेड़ा
श्वास की समस्या अधिकतर कफ दोष के बढ़ने की वजह से होती है जिसमें श्वसन नली में बलगम इकठ्ठा होना शुरू हो जाता है। बहेड़ा में कफ शामक गुण पाया जाता है साथ ही इसके उष्ण होने के कारण यह बलगम को पिघला कर आराम देने में सहयोगी होता है।
14. पाचन शक्ति को बेहतर करने में फायदेमंद बहेड़ा
बहेड़ा में उष्ण गुण पाए जाने के कारण यह अग्नि को तीव्र कर पाचन शक्ति को बढ़ाने में भी मदद करता है।